The Greatest Guide To Shodashi

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Celebrations like Lalita Jayanti underscore her significance, the place rituals and choices are created in her honor. These observances undoubtedly are a testament to her enduring attract along with the profound affect she has on her devotees' life.

नवयौवनशोभाढ्यां वन्दे त्रिपुरसुन्दरीम् ॥९॥

Shodashi’s mantra enhances devotion and religion, aiding devotees set up a deeper link towards the divine. This benefit instills rely on while in the divine procedure, guiding folks by means of issues with grace, resilience, and a way of function in their spiritual journey.

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साशङ्कं साश्रुपातं सविनयकरुणं याचिता कामपत्न्या ।

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

सर्वज्ञादिभिरिनदु-कान्ति-धवला कालाभिरारक्षिते

ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥

The iconography serves for a focal point for meditation and worship, allowing for devotees to connect With all the divine Electricity of the Goddess.

देवस्नपनं उत्तरवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

Philosophically, she symbolizes the spiritual journey from ignorance to enlightenment and is also related to the supreme here cosmic electric power.

The worship of Tripura Sundari is usually a journey in the direction of self-realization, exactly where her divine splendor serves for a beacon, guiding devotees to the final word reality.

Her narratives usually spotlight her purpose within the cosmic struggle from forces that threaten dharma, thus reinforcing her placement being a protector and upholder on the cosmic order.

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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